लालू जी राबड़ी जी से







1) बडी दुविधा होती रही थी जब :
1.बायोलॉजी के टीचर ने पढाया : सेल मतलब 'शरीर की कोशिकाएँ'।
2.फिजिक्स के टीचर ने पढाया : सेल मतलब 'बैटरी',
3.इकोनॉमिक्स के टीचर ने पढाया: सेल मतलब 'बिक्री',
4.हिस्ट्री के टीचर ने पढाया : सेल मतलब 'जेल',
5.अंग्रेजी के टीचर ने पढाया: सेल मतलब 'मोबाइल',
पढ़ाई ही छोड़ दी भाई साब, यह सोचकर कि जिस स्कूल में पांच शिक्षक एकमत नहीं है उस स्कूल में पढ़ कर क्या होगा ?
और
सच्चा ज्ञान मिला जब पत्नी ने बताया सेल मतलब 'डिस्काउंट'



2) लालू जी राबड़ी जी से-

धत् पगली!

कोनों भूतवा थोड़े न चोटी काट रहा है,

ए मोदी देश को केश-लेस बना रहा है!


3) मशहूर हुए वो जो कभी क़ाबिल ना थे और तो और….
कमबख़्त मंजिल भी उन्हें मिली जो दौड़ में कभी शामिल ना थे

*रामनाथ कोविन्द को समर्पित

आडवाणी जी की कलम से ( दो पैग मारने के बाद)

3) कुछ औरतें आपस में पति-पत्नी के रिश्ते पर बात कर रही थी। थोड़ी देर सुन कर उनमे से एक औरत बोली,

"अरे बहन, पता नहीं कुछ औरतें अपनी पति की बुराई कैसे कर लेती हैं? अब मेरे वाले को देख लो, अकल के नाम का एक पैसा उसके पास नहीं, शकल राम ने दी नहीं, रंग ऐसा जैसे पैदा होते ही भट्टी में डाल कर किसी ने भून दिया हो और कजूंस तो इतना के कच्छे भी सैकेंड हैंड खरीद के पहनता है। खराटे इतने मारता है कि दिल करता है, सोते ही नाक में मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दूँ।
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पर बहन मजाल है जो आज तक मैंने उसकी बुराई की हो।

जैसा भी है मेरा तो देवता है,

मैं तो कभी नहीं करती उसकी बुराई।"

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